जामुन | Jaamun Par Kavita
जामुन
( Jaamun )
( Jaamun )
इश्क़ का कर्जा ! ( Ishq ka karz ) अपनी लौ से तपाए ये कम तो नहीं, आए गाहे – बगाहे ये कम तो नहीं। सुर्ख होंठों से मिलता रहे वो सुकूँ, दूर से ही पिलाए ये कम तो नहीं। मेरे तलवों से कितने बहे हैं लहू, आ के मरहम लगाए ये कम तो…
जब सीने में तूफान दबाना पड़ता है ( Jab seene mein toofan dabana parta hai ) जब सीने में तूफान दबाना पड़ता है हर दिल में इंसान जगाना पड़ता है जब सुदर्शन धारी चक्र उठाना पड़ता है धर्मयुद्ध में कृष्ण बल दिखाना पड़ता है जब घट घट में दीप जलाना पड़ता है हौसलों से…
सीख दे गई (Seekh De Gayi ) सूखी टहनी उड़ आई मेरे पास थी उसे कुछ कहनी बोली मुझे न काटा कर जरूरत भर मांग लिया कर मैं खुशी खुशी दे दूंगी नहीं हूं बहरी गूंगी सुनती हूं सब कुछ देखती हूं तेरे व्यवहार सहकर तेरे अत्याचार भी कुछ कहती नहीं इसका क्या मतलब दोगे…
स्त्री ( Stree kavita ) स्त्री होकर स्त्री पर उपहास करती हो, हैरानी होती है कि तुम तुच्छ विचारों में वास करती हो। तुम भी उस तरुवर की शाखा हो, जिस डाल कि मैं। तुम भी अपने कार्य में निपुण, मैं भी अपने कार्य में संपूर्ण। स्त्री होकर स्त्री पर उपहास करती हो, हैरानी…
दुआँ है ऊपरवाले दुआँ है ऊपरवाले तुमसे,आने वाले साल में -2सुखमय जीवन सबका बीते,फँसे न अब जंजाल में -2 धारा बहे विकास की हरदम, खुशियाँ ऐसे बरसे हो, खुशियाँ ऐसे बरसे. हरमन प्यार से झूमें, गाये ,गम पाने को तरसे हो, गम पाने को तरसे. हटे समस्या और गरीबी -2मरे न कोई काल में, हो…
नवनिर्माण ( Navanirman ) बीती बातें भूले हम सब, आओ नवनिर्माण करें। नवल रचें इतिहास पुनः अब , जन-जन का कल्याण करें।। रहे मीत सच्चाई के हम , झूठों से मुख मोड़ चलें। निश्छलता हो प्रेम सुधा रस , भेद-भाव को छोड़ चलें।। सबक सिखा कर जयचंदो को, हर दुख का परित्राण करें। बने तिरंगे…