Ghazal Teer -E- Nazer | जब हुआ तीरे-नज़र का वार दिल पर
जब हुआ तीरे-नज़र का वार दिल पर
( Jab Hua Teer -E- Nazer Ka Vaar Dil Par )
जब हुआ तीरे-नज़र का वार दिल पर।
चोट हमको है लगी दमदार दिल पर।।
दर्द में भी आने लगता है मजा तब।
वो असर कर देता है ये प्यार दिल पर।।
उठ गया अपना भरोसा प्यार से ही।
चोट खाई जब सदा हर -बार दिल पर।।
चैन से जीना अगर है इस जहां में।
जग की बाते मत तू लेना यार दिल पर।।
छोङ जाता साया तक भी साथ है फिर।
वक्त की जब भी पङे है मार दिल पर।।
टूट जाता जब ये दिल नाकामियों से।
कर न पाती फिर असर कोई हार दिल पर।
ग़म बता किसको नहीं है जिंदगी में।
लाखों मन का है सभी के भार दिल पर।।
फल मिलेगा भावना का ही सदा ही।
बोझ रखता क्यूं “कुमार” बेकार दिल पर।।