Jab Seene mein

जब सीने में तूफान दबाना पड़ता है | Jab Seene mein

जब सीने में तूफान दबाना पड़ता है

( Jab seene mein toofan dabana parta hai )

 

जब सीने में तूफान दबाना पड़ता है
हर दिल में इंसान जगाना पड़ता है

जब सुदर्शन धारी चक्र उठाना पड़ता है
धर्मयुद्ध में कृष्ण बल दिखाना पड़ता है

जब घट घट में दीप जलाना पड़ता है
हौसलों से अंधेरा दूर भगाना पड़ता है

जब कलम हथियार बनाना पड़ता है
सच्चाई पर अटल हो जाना पड़ता है

जब गूंगो को बोलना सिखाना पड़ता है
जाने कितने तूफां से टकराना पड़ता है

धर्मयुद्ध में धर्मराज को आना पड़ता है
धर्मरक्षा आतुर युधिष्ठिर जाना पड़ता है

जब धर्म रक्षा हेतु वन जाना पड़ता है
दशानन दंभ हरने राम आना पड़ता है

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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