जनमत हूं शान हूं | Janamat
जनमत हूं शान हूं
( Janamat hoon shaan hoon )
लोकतंत्र का सजग सिपाही जनमत हूं शान हूं।
मैं राष्ट्र का नागरिक हूं मैं मानवों में महान हूं।
लोकमत के लोकहित में लोकतंत्र गुण गाता है।
प्रजातंत्र में प्रजा हित को शासन दौड़ा आता है।
मैं भारतवासी जन गण संस्कृति स्वर गान हूं।
राष्ट्रधारा में डूबा नर गर्व से फूला महान हूं।
आन बान शान से जीता गीत वतन के गाता हूं।
मनमौजी मतवाला होकर गौरव गान सुनाता हूं
गांव शहर हो राजधानी बसाए पूरा हिंदुस्तान हूं।
देशभक्ति में झूमता रहता मैं देशभक्त महान हूं।
जहां रगों में शौर्य पराक्रम केसरिया लहराता है।
आन बान शान तिरंगा चंद्र लोक फहराता है।
प्यारे भारत देश का वासी विश्व गुरु का भान हूं।
चंदन तिलक लगा माथे पर गर्वित हूं महान हूं।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )