जायज | Jayaz
जायज
( Jayaz )
विरोध के लिए ही विरोध होना जायज नहीं
विरोध योग्य हो तो विरोध भी जरूरी है
सत्य है हर आदमी हर कहीं सही नही होता
किंतु ,वही हर जगह गलत भी नहीं होता
स्वयं को देखकर ही और का भी विरोध, हो
लबादे मे रहकर,कीचड़ फेंकना ठीक नही
होगा रास्ता मयखाने का ,नजर मे आपके
कदम तो उसके बुतखाने की ओर के होंगे
तैरता देखकर ही ,तैराकी को समझोगे कैसे
डूबना भी तो जरूरी है,मोती की तलाश मे
किसी गणिका को ,गणिका कहने से पहले
औलादों को अपने भुला देना जायज नहीं
( मुंबई )