Jazbaat ghazal
Jazbaat ghazal

जज्बात

( Jazbaat )

 

 

उमड़ते मन के भावों को दिशा कोई दे दीजिए
प्यार थोड़ा ही सही जनाब प्यार थोड़ा कीजिए

 

दिल के हो जज्बात प्यारे लबों तक आते ही रहे
आनंद के हो चंद पल जिंदगी सुख से जी लीजिए

 

हंस-हंसकर मीठी बातों का रस थोड़ा पीना सदा
धूप छांव सी जिंदगी यार खुलकर आनंद लीजिए

 

मुस्कान के मोती महके खुशियां चेहरों पर हो सदा
फूलों सी खुशबू महकेगी शुभ कर्म ऐसा कीजिए

 

मेरे मन के अल्फाजों से नेह की गंगा बहती रहे
माना डगर कठिन बहुत राह कदम बढ़ने दीजिए

 

आंधी तूफां हर मुश्किल का सामना खुलकर करें
बुलंदिया मिलती रहे उमंग उत्साह भर लीजिए

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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