कलम का जादू चलाओ
कलम का जादू चलाओ
लिखने वालों
कलम उठाओ लो
तेरी सख्त जरूरत है
बदलनी देश की सूरत है
गर रहे अभी मौन
सोचो आगे संभालेगा कौन?
नवजवानों किसानों आमजन की खातिर
लिखो, कुछ दो सुझाव,
जो उनके हक की है
बताओ , समझाओ।
करो रहनुमाई,
क्या है इस बदलती आबो-हवा की दवाई?
कैसे पटरी पर लौटेगी अर्थ व्यवस्था?
कैसे सुधरेगी शासन व्यवस्था?
क्या हैं लोगों के अधिकार?
खुलकर लिखो न मेरे यार!
जन जन तक हो इसका संचार,
बदले शासन का व्यवहार।
यही समीचीन है
लिखो कैसे बढ़ रहा पड़ोसी चीन है?
सत्ता मद में चूर यह शासन,
छीन रही जनता का राशन।
महंगाई बेरोजगारी बहुत है बढ़ी,
विपक्ष , संगठनों की नहीं सुन रही।
आगे हालात होंगे बेकाबू,
चलाओ न अपने कलम का जादू,
ताकि भ्रष्टाचार से दूर रहें बाबू?
?
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
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