अक्षय तृतीया शुभ घड़ी
( Akshay tritiya shubh ghadi )
अक्षय हो सुख समृद्धि भरा रहे भंडार।
जीवन में यश कीर्ति का हो जाए संचार।
अक्षय तृतीया शुभ घड़ी मंगलदाई हो योग।
परिणय सूत्र में बंध युगल पाते पावन संयोग।
पावन तिथि को करे दान धर्म का काम।
अक्षय धन पात्र रहे जग में मिलता नाम।
शुभ तिथि को जन्म लिया भगवन परशुराम।
सत्य सनातन रक्षक त्यागी तपस्वी निष्काम।
मांगलिक सब काज करे लेकर हरि का नाम।
विघ्न बाधा दूर हटे पूर्ण होते हमारे सब काम।
दीन हीन सेवा करें अक्षय मिलता कोष।
मोती लुटाए प्रेम के तजकर मन का रोष।
बल बुद्धि वैभव मिले अक्षय मान-सम्मान।
पूजन करे श्रीहरि का भाग्य हो बलवान।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )