Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी | Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी

( Chidiya Rani )

 

चिड़िया रानी चिड़िया रानी
क्यो करती इतना मनमानी!
रोज सवेरे तुम हो आती
आकर पुन:कहां हो जाती !!

चाहूं साथ खेलना तेरे
क्या खेलोगी साथ तुम मेरे !
आना-जाना अब तुम छोड़ो
खेलो साथ में मिलकर मेरे !!

देखो फिर ना फुर हो जाना
नये नये नित गीत सुनाना !
संग अपने परियो को लाना
हम सबको मत कभी भुलाना !!

देखो ऐसे दिल ना तोड़ो
हम बच्चों से मुंह न मोड़ो!
ची ची स्वर में गीत सुना कर
“जिज्ञासु” से नाता जोड़ो!!

दाना पानी खालो पीलो
निर्भय होकर साथ में खेलो !
साथ तुम्हारे अब हम सब हैं
आनंदित हो जीवन जी लो !!

kamlesh

कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”

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