हिंदी हमारी मातृभाषा | Kavita Hindi hamari matrabhasha
हिंदी हमारी मातृभाषा
( Hindi hamari matrabhasha )
ये हिंदी हमारी ऐसी मातृ-भाषा,
सरल शब्द में इसकी परिभाषा।
विश्व में सारे गौरवान्वित करती,
३३ व्यंजनों से बनी राज भाषा।।
हिन्द की भाषा का करो बखान,
जिससे गूंजें ये सारा ही जहान।
करो गुणगान और बनो विद्वान,
हिन्द की हिंदी गूंजें सारे जहान।।
हिंदी भाषा भारतवर्ष का गौरव,
हिंदी में एक बिंदी का है महत्व।
धड़कन है यह सब के दिल की,
हिंदी दिवस पे मनाते है उत्सव।।
हिंदी में लिखें बोले अपनी बात,
सृजन का द्वीप जले दिन- रात।
बदलें अब खुद अपने को आप,
विश्व भी कहेगा वाह क्या बात।।
डैड मोम डार्लिंग और स्विटहार्ट,
ऐसे शब्दों का ना करना प्रयोग।
पिताजी-माताजी, प्यारे,लाड़ले,
ऐसे शब्दों का सब करें उपयोग।।
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