जीवन रूपी यात्रा | Kavita Jeevan Rupi Yatra
जीवन रूपी यात्रा
( Jeevan Rupi Yatra )
श्री हरि ने भेजा संसार में
जीवन रूपी यात्रा करने पूर्ण l
मां के आंचल की छांव में
जीवन रूपी यात्रा का
हुआ आगाज l
पाल ~ पोश बड़ा किया
स्नेह दिया भरपूर l
पढ़ा~लिखा शादी कर
बसाया गृहस्थ संसार l
यहां तक की यात्रा में
मिला मात पिता का साथ l
चला आगे की यात्रा में
सुमिरन कर श्री रघुनाथ l
इस यात्रा की डगर में
मिले लोग अनेक l
कुछ साथ चले
कुछ बिछड़ गए
कुछ याद रहे
कुछ भूल गए l
कुछ ने खींचा पीछे कदम
कुछ ने थामा हाथ l
कभी लड़खड़ाए
कभी संभाल गए l
प्रभु कृपा से कारज
सिद्ध हुये सकल l
लकदक लकदक करते हुए
अब तक की
जीवन रूपी यात्रा
रही है सफल l
राजेंद्र कुमार रुंगटा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)