कलयुग की कली | Kavita Kalyug ki Kali
कलयुग की कली
( Kalyug ki kali )

( Kalyug ki kali )
होली आई रे, होली आई रे ( Holi aayi re, holi aayi re ) होळी आई रे सांवरिया खेलां फाग भरी होली आई रे, होली आई रे रंग गुलाल अबीर लगावा चंदन तिलक बारी-बारी होली आई रे, होली आई रे रंग रंगीलो फागण आयो, मस्ती भरर्यो माहौल हो छायो भर पिचकारी केसर…
संविधान दिवस ( Samvidhan divas ) ( 2 ) प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर यथार्थ स्वतंत्रता परम प्रहरी, हर नागरिक हित रक्षक । शासन प्रशासन उत्तम सेवा, अंकुश राष्ट्र संसाधन भक्षक । लिखित प्रथम वैश्विक पटल, सांविधिक समाहर्ता महासागर । प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।। अनूप प्रयास अंबेडकर, सर्व…
जय हो जय हो कलम तेरी ( Jai ho jai ho kalam teri ) तीर और तलवार कहां कब कर पाए वह काम कभी कलमों के ताकत के आगे टिका कौन बलवान कभी जड़चेतन में जान फूंककर पिघल पिघल स्याही लिख दी सिंहनाद सी कलम गरज कर युग की युगभावी लिख दी …
कविता की झंकार ( Kavita ki jhankar ) तुकबंदी करते-करते कविता भी करनी आई अल्फाजों ने जादू फेरा मन में उमंग जगाई शब्दों की माला पिरोता महके महफिल सारी गीतों की लड़ियों से गूंजती वो केसर क्यारी भाव भंगिमा सुरताल साज बाज अल्फाज काव्य धारा में बह जाए अंतर्मन छिपे राज …
श्री कृष्ण स्तुती ( Shri Krishna Stuti ) कंस के अत्याचारों से, धरती जब थर थर कपीं थी। अब आ जाओ हे अंतर्यामी, यह करुण पुकार सुनाई दी। त्राहि त्राहि जब मची धरा पर, तब ईश्वर ने अवतार लिया। भक्तों के संकट हरने को, मनुज रूप स्वीकार किया। हे तीनों लोकों के स्वामी, हम…
तु कोन है मेरे लिए ( Tu kaun hai mere liye ) कैसे बतावू तु कोन हे मेरे लिए, तु क्या है मेरे लिए || बचपन का रंगबिरंगी किस्सा है तू दिल के करीब का हिस्सा है तु कड़कती धूप मे छाव है तू मेरे लिए एक हंसी शाम है तू ऐ दोस्त! अंधेरे…
होली आई रे, होली आई रे ( Holi aayi re, holi aayi re ) होळी आई रे सांवरिया खेलां फाग भरी होली आई रे, होली आई रे रंग गुलाल अबीर लगावा चंदन तिलक बारी-बारी होली आई रे, होली आई रे रंग रंगीलो फागण आयो, मस्ती भरर्यो माहौल हो छायो भर पिचकारी केसर…
संविधान दिवस ( Samvidhan divas ) ( 2 ) प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर यथार्थ स्वतंत्रता परम प्रहरी, हर नागरिक हित रक्षक । शासन प्रशासन उत्तम सेवा, अंकुश राष्ट्र संसाधन भक्षक । लिखित प्रथम वैश्विक पटल, सांविधिक समाहर्ता महासागर । प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।। अनूप प्रयास अंबेडकर, सर्व…
जय हो जय हो कलम तेरी ( Jai ho jai ho kalam teri ) तीर और तलवार कहां कब कर पाए वह काम कभी कलमों के ताकत के आगे टिका कौन बलवान कभी जड़चेतन में जान फूंककर पिघल पिघल स्याही लिख दी सिंहनाद सी कलम गरज कर युग की युगभावी लिख दी …
कविता की झंकार ( Kavita ki jhankar ) तुकबंदी करते-करते कविता भी करनी आई अल्फाजों ने जादू फेरा मन में उमंग जगाई शब्दों की माला पिरोता महके महफिल सारी गीतों की लड़ियों से गूंजती वो केसर क्यारी भाव भंगिमा सुरताल साज बाज अल्फाज काव्य धारा में बह जाए अंतर्मन छिपे राज …
श्री कृष्ण स्तुती ( Shri Krishna Stuti ) कंस के अत्याचारों से, धरती जब थर थर कपीं थी। अब आ जाओ हे अंतर्यामी, यह करुण पुकार सुनाई दी। त्राहि त्राहि जब मची धरा पर, तब ईश्वर ने अवतार लिया। भक्तों के संकट हरने को, मनुज रूप स्वीकार किया। हे तीनों लोकों के स्वामी, हम…
तु कोन है मेरे लिए ( Tu kaun hai mere liye ) कैसे बतावू तु कोन हे मेरे लिए, तु क्या है मेरे लिए || बचपन का रंगबिरंगी किस्सा है तू दिल के करीब का हिस्सा है तु कड़कती धूप मे छाव है तू मेरे लिए एक हंसी शाम है तू ऐ दोस्त! अंधेरे…
होली आई रे, होली आई रे ( Holi aayi re, holi aayi re ) होळी आई रे सांवरिया खेलां फाग भरी होली आई रे, होली आई रे रंग गुलाल अबीर लगावा चंदन तिलक बारी-बारी होली आई रे, होली आई रे रंग रंगीलो फागण आयो, मस्ती भरर्यो माहौल हो छायो भर पिचकारी केसर…
संविधान दिवस ( Samvidhan divas ) ( 2 ) प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर यथार्थ स्वतंत्रता परम प्रहरी, हर नागरिक हित रक्षक । शासन प्रशासन उत्तम सेवा, अंकुश राष्ट्र संसाधन भक्षक । लिखित प्रथम वैश्विक पटल, सांविधिक समाहर्ता महासागर । प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।। अनूप प्रयास अंबेडकर, सर्व…
जय हो जय हो कलम तेरी ( Jai ho jai ho kalam teri ) तीर और तलवार कहां कब कर पाए वह काम कभी कलमों के ताकत के आगे टिका कौन बलवान कभी जड़चेतन में जान फूंककर पिघल पिघल स्याही लिख दी सिंहनाद सी कलम गरज कर युग की युगभावी लिख दी …
कविता की झंकार ( Kavita ki jhankar ) तुकबंदी करते-करते कविता भी करनी आई अल्फाजों ने जादू फेरा मन में उमंग जगाई शब्दों की माला पिरोता महके महफिल सारी गीतों की लड़ियों से गूंजती वो केसर क्यारी भाव भंगिमा सुरताल साज बाज अल्फाज काव्य धारा में बह जाए अंतर्मन छिपे राज …
श्री कृष्ण स्तुती ( Shri Krishna Stuti ) कंस के अत्याचारों से, धरती जब थर थर कपीं थी। अब आ जाओ हे अंतर्यामी, यह करुण पुकार सुनाई दी। त्राहि त्राहि जब मची धरा पर, तब ईश्वर ने अवतार लिया। भक्तों के संकट हरने को, मनुज रूप स्वीकार किया। हे तीनों लोकों के स्वामी, हम…
तु कोन है मेरे लिए ( Tu kaun hai mere liye ) कैसे बतावू तु कोन हे मेरे लिए, तु क्या है मेरे लिए || बचपन का रंगबिरंगी किस्सा है तू दिल के करीब का हिस्सा है तु कड़कती धूप मे छाव है तू मेरे लिए एक हंसी शाम है तू ऐ दोस्त! अंधेरे…