कलयुग की कली | Kavita Kalyug ki Kali
कलयुग की कली
( Kalyug ki kali )
( Kalyug ki kali )
गीता ज्ञान ( Geeta Gyan ) जब से गीता ज्ञान मिला मुझे भागवत में भगवान मिला, कण कण में जब नारायण तो फिर कण-कण से मुझे ज्ञान मिला! नहीं सर्वज्ञ अंतर्यामी में , ना ही में कुछ जानता हूं मेरे अंदर भी तू है बसा हुआ ! मैं तुझको पहचानता हूं।। देख धनुर्धर अर्जुन…
जन्मदिवस की बधाई अविनाश ( Happy Birthday Avinash ) सुबह-सुबह तुम्हें एक पैगाम देना है, जन्म दिवस की तुमको बधाई देना है। गुज़रे सारी उम्र आपकी हॅंसी-खुशी से, आपकी सुबह को नया प्रकाश देना है।। सदैव ख़ुश रहो तुम यू ही अविनाश, आज सूर्योदय आपके लिए है ख़ास। गुलाब फूल लिए इन्तजार है तुम्हारा,…
बलिदान ( Balidan ) क्या है आजादी का मतलब देश प्रेम वो मतवाले लहू बहाया जिन वीरों ने बलिदानी वो दीवाने मातृभूमि पर मिटने वाले डटकर लोहा लेते थे देश भक्ति में ऐसे झूले फांसी तक चढ़ लेते थे जलियांवाला बाग साक्षी अमर कथा उन वीरों की वंदे मातरम कह गए जो…
उर तृषा सदा तृप्त ( Ur trisha sada tript ) उर तृषा सदा तृप्त, नेह से संसर्ग कर पगडंडियां व्याकुल दिग्भ्रमित, उच्चवाचन मरीचि प्रभाव । सुख समृद्धि मंगलता दूर, निर्णयन क्षमता अभाव । अथक श्रम सफलता चाहना, विराम पल उत्सर्ग कर । उर तृषा सदा तृप्त, नेह से संसर्ग कर ।। नैतिक आचार विचार,…
छत्रपती वीर शिवाजी महाराज ( Chhatrapati Veer Shivaji Maharaj ) मराठा साम्राज्य नींव से,हिंदुत्व का सिंहनाद हिंद पटल उन्नीस फरवरी, अद्भुत अनुपम भाव नवेला । वर्ष सोलह सौ पचास तद तिथि, वीर शिरोमणि अवतरण बेला । विदेशी विधर्मी आक्रांता पस्त, देख शिवाजी स्व शासन शंखनाद। मराठा साम्राज्य नींव से,हिंदुत्व का सिंहनाद ।। शिवनेरी दुर्ग पुनीत…
उड़ती पतंग सी फितरत ( Udti patang si fitrat ) व्योम तलक उड़ाने उंची आसमां तक छा जाऊं। मन करता दुनिया घूम लूं पंख लगा उड़ पाऊं। उड़ती पतंग सी फितरत डोर को थामे रखना। दुनिया के रंग निराले खुशियों की शामे रखना। उड़ती रहे नील गगन में विविध भांति रंग लिए। अटकलें आसमानों…