मेरा प्यार | Kavita Mera Pyar
मेरा प्यार
( Mera Pyar )
दिल है सुंदर मन है सुंदर।
और तुम भी हो सुंदर।
दिलकी बातें कह नहीं पाती।
पर मन के भाव दिखती हो।।
करते हो यदि प्यार तुम
तो आँखो से कह दो।
प्यार तुम्हारा छुप न रहा।
अब तो तुम कुछ कह दो।।
मन तेरा अब भटक रहा है।
दिल भी तेरा डोल रहा है।
मुखसे क्यों नही बोल रहा है।
पर आँखों से बोल रहा है।।
प्यार तुझे जब मुझसे हुआ है।
फिर क्यों तू अब डर रहा है।
हुआ मिलन जब दिलका दिलसे।
तो क्यों नहीं गले लगा रहा है।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई