पदचिन्ह | Kavita Padachinh
पदचिन्ह
( Padachinh )
पदचिन्हों का जमाना अब कहां
पदलुपतों का जमाना अब जहां
परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत
करने की साजिश है जहा
तिनका-तिनका जलेगा मनुज
अपने ही कर्मों को ढोते-ढोते
शब्द-पराक्रम की महिमा
वशिष्ट ने राम को समझायी
अंश मात्र जो आज हम अपनाते
क्लेश नामों-निशान मिट जाता
शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)
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