शहीद फौजी का बेटा | Kavita shahid Fauji ka Beta
शहीद फौजी का बेटा
( Shahid fauji ka beta )
मैंरे पापा घर कब आएंगे माॅं,
इतना मुझको बता दो माँ।
रोज़ाना मैं पूछता हूॅं तुझको,
क्यों नही मुझको बताती माँ।।
होली पर भी नही आए पापा,
मैंरे पिचकारी नही लाए पापा।
अब तो आनें वाली है दिवाली,
क्या नही आएंगे इस दिवाली।।
मेंरे दोस्तों के पापा सब आए,
ढ़ेर सारी मिठाई लेकर आए।
नऐ-नऐ कपड़े भी बहुत लाए,
मुझे दोस्त मेरे बहुत चिढ़ाए।।
साइकिल से जाउंगा बस स्टैंड,
सामान रख लूंगा मैं पीछे स्टैंड।
मैंरे नऐ वाले जूतें तू निकाल,
पहनकर जाउंगा लेने इस बार।।
जल्दी आनें वाली अब दिवाली,
खूब मिठाई बनाना इस दिवाली।
तुम भी जल्दी हो जाओ तैयार,
बिंदिया चूड़ी हाथ मेन्हदी लगार।।
इतने में बहुत सारी गाड़ियां आई,
पुलिस लोगों की भीड़ भी आई।
शहीद अमर रहें यें जयकारे सुने,
तब लड़के के कुछ समझ आई।।
पिता को जब देखा तिरंगे में,
अन्दर की उसने शक्ति जगाई।
तुम चिन्ता मत करो मेरी माँ,
मैं भी सेना में जाउंगा मेरी माँ।।