तलाश | Talaash par Kavita
तलाश
( Talaash )
हर्षित मन में उठती लहरें, लगता कोई खास है।
जन्मो जन्मो का नाता है, जिसकी हमें तलाश है।
खिल उठा विश्वास मन का, जो अजब एहसास है।
ह्रदय के कोने कोने में, मोहक मधुरता का वास है।
लगे सुहानी शाम हर पल, जिंदगी रोशन सारी।
ढूंढ रही पलकें पल पल, महकती सी फुलवारी।
खुशियों के अंबार आए, भावन घटाएं बरसे।
तलाश हमें जिंदगी की, जिसे देख हृदय हरसे।
जिंदगी के मोड़ पर जब, मुस्कानों के मेले हो।
अहा जिंदगी खूब मिली, मेरे स्वप्न सुनहरे हो।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )