ये बारिशें | Kavita Ye Baarishein
ये बारिशें
( Ye Baarishein )
ये बारिशें धो रही हैं मैल अम्बर के मन का
ये बारिशें भिगो रही हैं अंतस प्यासी धरा का
ये बारिशें बदलने आईं हैं मौसमों के गर्म मिज़ाज
ये बारिशें सुनाने आईं हैं फिज़ाओं को दिल का हाल
ये बारिशें दिलों को ले चलीं हैं उन्माद की ओर कहीं
ये बारिशें कर रहीं हैं मन में मीठा सा गदगद शोर कहीं
ये बारिशें ले चली हैं मन की उड़ान को सुदूर कहीं
ये बारिशें बूंदों में गिरा रही मोतियों का सा नूर कहीं
ये बारिशें तरंगित कर रही कंठ में सुरों की तान को
ये बारिशें आनंदित कर रही पैरों की झंकृत थाप को
ये बारिशें अपनी खुशबू को डुबोने लगीं हैं हर शै में
ये बारिशें अपने सरुर से समाने लगी हैं हर रुह में
ये बारिशें छेड़ रहीं हैं मन में राग मल्हार के
ये बारिशें जगा रही हैं ह्रदय में भाव अनुराग के
ये बारिशें कर रहीं हैं बारिशें प्रेम की, उल्लास की
ये बारिशें कर रहीं हैं बारिशें आस की, मधुमास की
शिखा खुराना