क्रोध के अतिरेक से बचें

गुस्सा हर किसी को आता है,
यह स्वाभाविक भी है-
लेकिन क्या आपको पता है ?
यदि आप गुस्सा प्रकट नहीं करते,
तो खतरे से हैं खेलते !
गुस्सा आए तो झट करें इजहार,
वरना पड़ जाएंगे बीमार ।
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी ने खुलासा किया है-
ज्यादा देर तक न दबाएं गुस्सा,
मस्तिष्क को नुक्सान है पहुंचता;
ब्रेन स्ट्रोक का हो सकता है खतरा !
जान भी जा सकती है ?
क्रोध प्रकट करने में ही भलाई है;
वरना आपने अपनी मौत खुद ही बुलाई है!
शोधकर्ताओं ने पाया कि
गुस्सा दबाकर रखने से कोरोटिड धमनियों में गंदगी जमने लगती है-
जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है,
मस्तिष्काघात कब हुआ पता नहीं चल पाता है?
महिलाओं का भावनात्मक स्वभाव, उसके शारीरिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है,
इन दोनों में आपसी संबंध भी होता है;
इसी कारण उच्च रक्तचाप और सीने में दर्द होता है।
अमेरिका में मस्तिष्काघात, मौत का तीसरा बड़ा है कारण,
तथा ब्रिटेन में चौथा बड़ा है कारण;
सो छोड़ दें गुस्सा अकारण ।
जो लोग जल्दी और छोटी-छोटी बातों पर क्रोध करते हैं,
उनमें ब्रेन स्ट्रोक, किडनी , मोटापा संबंधी बीमारियों के खतरे हैं।
ज्यादा पसीना आना,अल्सर और अपच की समस्याएं होती हैं,
गुस्से से दिल के रक्त को पंप करने की क्षमता कम होती है।
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है,
क्योंकि यह मासिक धर्म चक्र,हार्मोनल गर्भ निरोधक और गर्भावस्था की जटिलताओं से भी जुड़ा होता है।
ब्रेन स्ट्रोक से दिमाग का नस फट जाता है,
जिससे रक्त का थक्का बन जाता है;
जो आगे आॅक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को रोकता है।
विद्वानों के अनुसार महिलाएं
लोगों के तर्क से बचने,
रिश्ते के टूटने से बचाने के प्रयास में;
अपने विचारों और भावनाओं को दबातीं हैं,
यही उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में कमी लाती है।
अतः अकारण गुस्सा त्यागें,
आए तो झट प्रकट कर दें।
दबाने से बचें,स्ट्रोक से बचे रहेंगे;
लंबी आयु तक आप जीयेंगे।

 

नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

 

यह भी पढ़ें :-

अच्छे दिन वाले शहर की हकीकत | Kavita

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here