
धोनी के साथ रैना ने भी लिया संन्यास!
( Dhoni Raina ke sanyas par kavita )
ये क्या बात हुई ?
अभी धोनी के रिटायरमेंट के ग़म में डूबे ही थे,
कि ‘रैना’ वही ‘सुरेश रैना’ के रिटायरमेंट की खबर आ गई;
ये भी कोई बात हुई?
झटके पे झटका दिए जा रहे हैं सब,
फैन्स के लिए कंट्रोल करना-
मुश्किल है अब।
सभी जज़्बाती हुए जा रहे हैं,
धोनी-रैना सबको रूला रहे हैं;
हम आंसुओं पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं।
दोनों थे अच्छे दोस्त!
मिशालें दी जाती थी इनकी,
जय-वीरू की संज्ञा से थे सुशोभित।
दोनों में काफी समानताएं भी थीं-
दोनों बाएं हाथ से खेलते थे,
रैना भी बेहतरीन फिल्डर थे।
बल्लेबाजी भी करते थे जबरदस्त,
विश्व कप मुकाबले में जड़े थे शतक।
रैना ने आस्ट्रेलिया को चौंकाया था,
ब्रेट ली की गेंद पर जमकर चौका छक्का लगाया था।
विश्व कप मुकाबले में पहला शतक जड़ने वाले बल्लेबाज हैं रैना,
आज इनकी रिटायरमेंट की सुन, भर आईं नैना ।
रैना को मिस्टर भरोसेमंद भी है कहा जाता,
भरोसेमंद ने लिया संन्यास!
बहा लो दो आंसू,किसी का क्या है जाता ?
धोनी और उनकी दोस्ती के किस्से में,
एक और अध्याय जुड़ गया-
मित्र ने लिया संन्यास तो ये भी संग हो लिया।
युवाओं को इनसे सीखने की जरूरत है,
दोस्ती इनकी तरह ही निभाने की जरूरत है।
कृष्ण सुदामा की दोस्ती के किस्से सुने थे,
आज धोनी रैना की दोस्ती भी देखे हैं;
अद्भुत था , अद्भुत है और अनोखे हैं।
(धोनी-रैना को भविष्य की शुभकामनाएं)
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।