क्या समझे | Kya Samjhe
क्या समझे
( Kya Samjhe )
क्या किया उसने और क्या समझे।
बेवफ़ाई को हम वफ़ा समझे।
ज़ह्न को उसके कोई क्या समझे।
सर निगूं को जो सर फिरा समझे।
क़ाफ़ले ग़र्क़ हो गए उन के।
नाख़ुदाओं को जो ख़ुदा समझे।
क्यों न पागल कहे उसे दुनिया।
ज़ुल्फ़-ए-जानां को जो घटा समझे।
ख़ुद को समझे वो ठीक है लेकिन।
दूसरों को भी कुछ ज़रा समझे।
कुछ नहीं हो,बने ही फिरते हो।
हम मिज़ाज आज आप का समझे।
क्या कहूं ऐ फ़राज़ मैं उसको।
जो भलाई को भी बुरा समझे।
पीपलसानवी