लोकतंत्र में मतदान का महत्व पर निबंध

Essay In Hindi- लोकतंत्र में मतदान का महत्व

लोकतंत्र में मतदान का महत्व पर निबंध

 (The Importance Of Voting In Democracy : Essay In Hindi )

 

प्रस्तावना ( Preface ) :-

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश में जनता का महत्व होता है। जनता ही अपने नेता का चुनाव करती है और जनता अपने नेता का चुनाव मतदान के जरिए करती है।

इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में Voting बेहद महत्वपूर्ण होता है। हर जागरुक नागरिक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह मतदान की प्रक्रिया में दिलचस्पी रखे और स्वेच्छा से अपने मताधिकार का प्रयोग करें, जिससे उसके प्रतिनिधि के रूप में सही नेता का चुनाव किया जा सके।

Democratic System के संरक्षण के लिए और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शत प्रतिशत मतदान होना बेहद जरूरी है। इसी के जरिए लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती हैं।

भारत में मतदान (Voting in India ):-

भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त है। Right To Vote हर भारतीय नागरिकों का एक वैधानिक अधिकार है। लेकिन भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में मतदान का प्रतिशत दिन-ब-दिन घटता जा रहा है।

लोगों के मन में मतदान को लेकर उदासीनता भी देखने को मिल रही है। जिससे प्रबुद्धजनों और राजनेता भी चिंतित हैं।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है क्योंकि यदि उदासीनता बढती गई तो लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण होता जाएगा और भारत में Democratic System को बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।

भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में मतदान का प्रतिशत दिन-ब-दिन घटता जा रहा है।
भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में मतदान का प्रतिशत दिन-ब-दिन घटता जा रहा है।

ऐसे तो फिर लोकतांत्रिक जीवन की समाप्ति हो जाएगी। सवाल कभी-कभी यह भी आता है कि क्या मतदान को अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए और जो लोग मतदान न करें उन्हें दंडित किया जाये?

लेकिन फिलहाल भारत में मतदान को कानूनी स्तर पर अनिवार्य नही बनाया गया है, लेकिन विश्व के अनेक देशों में मतदान को अनिवार्य कर दिया गया है।

मतदान में उदासीनता ( Apathy in voting ):-

भारत में मतदान को लेकर उदासीनता देखी जा रही है, जिसकी वजह कही न कही यह है कि हमारे नेता अपनी जनता की कसौटी पर खरे नही उतर रहे हैं।

जनता जो भी अपेक्षाएं अपने नेता से होती है वो उन पर खरे नही उतर पा रहे है। जिससे जन मानस के मन में सरकार के प्रति उदासीनता जन्म ले रही है।

आजादी के बाद जिस Democratic Prosperity और विकास की अपेक्षा की गई थी आज तक वहाँ पहुंचा नही जा सका है।

बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी, जातिवाद, क्षेत्रवाद, अपराध, आतंक जैसे जन समस्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि जनसाधारण इसमें फंस गया है और Democratic System से उसका विश्वास डगमगाने लगा है।

जनमानस को लगता है उनके अमूल्य मतदान का लोकतंत्र का कोई मतलब ही नही है। यही वजह है कि जनता मतदान के प्रति उदासीन हो रही है।

इससे व्यक्ति की लोक तांत्रिक स्वतंत्रता पर चिन्ह लग गया है। घटते मतदान से सवाल ये उठता है कि क्या मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदान को कानूनी रूप से बाध्य कर दिया जाना चाहिए?

लेकिन सवाल यह भी है कि अगर ऐसा कर दिया जाता है तो भारत जैसे विशाल Democratic Country  में यह सारा शर्मनाक माना जाएगा।

वर्तमान राजनीतिक प्रदूषण के चलते मतदाता खुद को ठगा सा महसूस करता है। कानूनी बाध्यता के बाद स्थित में सकारात्मक बदलाव आएगा या नही यह भी महत्वपूर्ण है।

जनता द्वारा जो भी प्रतिनिधि चुने जा रहे हैं वह अपने मतदाता का विश्वास नही जीत पा रहे हैं न ही सदन में जनता के प्रति मर्यादा और जिम्मेदारी भरा आचरण कर रहे हैं।

जन-प्रतिनिधियों द्वारा किए जाने वाले गैर जिम्मेदाराना रवैये से ही मतदाताओं में व्यापक रूप से उदासीनता देखने को मिल रही है।

कम मतदान का कारण ( Reason Of Low Turnout ):-

कम मतदान होने के पीछे एक प्रमुख कारण अशिक्षा और जागरूकता की कमी भी है। मतदान के प्रति उदासीनता को दूर करने के लिए लोगों में जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी है।

लोगों को यह समझाना जरूरी है कि मतदान का महत्व क्या है और मतदान करना क्यों जरूरी है? लोकतंत्र को मजबूत बनाने में शत-प्रतिशत मतदान होना बेहद जरूरी है।

राजनीतिक स्थिरता, विकास और प्रगति के लिए मतदान करना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए।

हमे मतदान करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए इसके प्रचार-प्रसार की दिशा में काम करना होगा, साथ ही व्यवहारिक विधियों को भी प्रयोग में लाना होगा, जिससे पढ़े-लिखे लोग मतदान के महत्व को समझ सके और अशिक्षा को दूर करके बागी मतदान को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष (The conclusion) :-

आज Voting की अनिवार्यता के लिए एक प्रेरक माहौल बनाने की जरूरत है। इसके लिए किसी भी प्रकार की कानूनी बाध्यता की जरूरत नही है।

सकारात्मक सोच और प्रबल इच्छाशक्ति के जरिए जटिल से जटिल परिस्थितियों से उबरा जा सकता है।

जनता में विश्वास जगाकर और अच्छा Political Environment बनाकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिए साक्षरता को भी बढ़ाए जाने की जरूरत है।

लोकतंत्र तभी सम्भव होगा जब स्वेच्छा से मतदान किया जाये। कानूनी तौर से जोर जबस्ती करके मतदान करवाना एक तरह से लोकतंत्र का गला घोटने जैसी बात हो जाएगी।

लोकतंत्र की गरिमा इसी में है कि मतदान को लोकतांत्रिक पर्व के जैसा मनाया जाये और इसमें हर भारतीय बढ़-चढ़कर हिस्सा ले।

 

लेखिका : अर्चना  यादव

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