मां शारदे
मां शारदे

मां शारदे

( Maa Sharde ) 

 

करो मां झंकृत वीणा तार

खिले उर शुचिता प्रसून,
मिटे दुःख संकट भय।
बहे संवेदन सरि निर्झर,
सृष्टि आभा सुख शांति मय ।
संबंध उत्संग अपनत्व अथाह,
नेह परिध अनूप विस्तार, ।
करो मां झंकृत वीणा तार ।।

उमंगित जीवन गतिमान,
फले फूले आशा उद्यान ।
प्रफुल्लित जन जन प्राण,
मुदित मन गाए नव रस गान ।
ह्रदय मणि विमल श्रृंगार,
बजे सांसों संग सितार ।
करो मां झंकृत वीणा तार ।।

अमिय रस वाणी रस धार,
बहे करुणा ममता प्यार ।
आत्म बल आभास पथ,
नभ धरा उल्लास अपार ।
कलयुग कपाल उन्नत प्रभा,
सतयुग अनुपमा साकार ।
करो मां झंकृत वीणा तार ।।

मनुज नित ध्यान अंतस्थ,
मिटे तम जागृत सद्ज्ञान ।
दया सेवा संयम युक्त,
जग पटल देवत्व आह्वान।
दिव्य प्रज्ञा भव्य अभिवंदन,
सजे पावन स्वर संसार ।
करो मां झंकृत वीणा तार ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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