राष्ट्रपिता महात्मा गांधी | Mahatma Gandhi par Kavita
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
( Rashtrapita Mahatma Gandhi : Gandhi jayanti par poem )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
अहिंसा के आप पुजारी
छुआछूत का भेद हटाया
महान विभूति चरखा धारी
दया क्षमा प्रेम सिखाया
भारत मां का मान बढ़ाया
नमक आंदोलन जो छेड़ा
सत्याग्रह को आगे बढ़ाया
खादी वस्त्र काम में लाओ
स्वदेशी को सब अपनाओ
कम खर्चे में उत्पादन बढ़ाओ
देश प्रगति पथ पर लाओ
समरसता का भाव जगाना
एकता का पाठ पढ़ाना
उत्तम अनुपम रहे संस्कार
सादा जीवन उच्च विचार
भाईचारा खूब जगाया
देश प्रेम का भाव बढ़ाया
राम नाम की जपकर माला
साबरमती का संत कहाया
ऊंच-नीच का भेद मिटाकर
वतन परस्ती जोत जलाकर
अन्याय विरुद्ध आवाज उठा
महान गुणी धन्य हुये पाकर
एक लाठी धोती धरकर
जन-मन में जोश भर कर
लड़ी लड़ाई आजादी की
अहिंसा का पाठ पढ़ कर
आप देश की शान रहे हैं
निर्बल का उत्थान रहे हैं
कर्मशील वन आगे बढ़ना
आदर्श पुरुष मिसाल रहे हैं
आपको नमन वंदन करते हैं
हे राष्ट्रपिता अभिनंदन करते हैं
सत्याग्रह के सत्य पुजारी
वंदन करती जनता शादी
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )