मैं भारत की नारी हूं | Main Bharat ki Naari Hoon
मैं भारत की नारी हूं
( Main bharat ki naari hoon )
मैं भारत की नारी हूं, मैं कोमल हूं कमजोर नहीं।
हौसलों की भरती उड़ाने, बस केवल शोर नहीं।
कीर्तिमान रचे मैंने, किरदार कितने निभाए हैं।
संघर्षों में तूफानों में, परचम हमने लहराए हैं।
रिश्तो की डगर लुटाती, स्नेह के मोती प्यार भरे।
ममता की छांव सलोनी, बहना रूप दुलार करे।
वीर वीरांगना लक्ष्मीबाई, मीराबाई रूप धरा मैंने।
काली रणचंडी दुर्गा सी, दुष्टों का दलन किया मैंने।
कोमल हूं कमजोर नहीं, मैं शमशीर उठा लेती।
हर आंधी हर तूफां से, बाधाओं से टकरा लेती।
प्रगति पथ पर बढ़ जाती, शिक्षा का दीप जलाती हूं।
घर परिवार समाज सारा, कमान देश की चलाती हूं।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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