मन और तन | Man aur tan
मन और तन
( Man aur tan )
इस जीवन में कोई नहीं ईश्वर के बिना,
इंसानों ने तो कर दिया मुश्किल जीना,
आज इसके तो कल उसके हो जाते है,
हर दिन नए परिंदो से मिल जाते है,
ना भावनाओं की कद्र उनको, ना ही मेरे मन की,
उन्हें तो होड़ मची है पाने को केवल तन की,
दुनियां भी ऐसी की जिस्मों को लुटा देता है,
करते जो यहां रूह से मोहब्बत उसे झूठ ठहरा देता है।।