1.आसमान कितना प्यारा, फैला चारो ओर है | रंग-बिरंगी छटा बटोरे, मेघों का पुरजोर है | दिन में सूरज किरण लिए, रात में चाँद-सितारे | दिन मे धूप की गर्मी रहती, रात को मोहक नजारे |
–> आसमान सा बनकर देखो ||
2.बारिष की बूंदें गिरतीं हैं, आसमान लहराता है | बिजली चमके चम-चम करती, बादाल भी गुर्राता है | अमृत सी पानी की बूंदें, छोड़ के बादल घटते हैं | अम्बर नीला रंग-बिरंगा, स्वेत मेघ भी छंटते हैं |
–> आसमान सा बनकर देखो ||
3.अंतरिक्ष समेटे अपने अंदर, दरिया दिल आकाश का | नव-ग्रहों का दामन थामे, प्रतीक बड़ा विश्वास का | मनोहर द्रस्य दिखाता रहता, देता शुभ संदेश भी | कितने भी ऊँचे हो जाओ, अहम् न रखना एक भी |
–> आसमान सा बनकर देखो ||
4.इन्द्र-धनुष को गोद मे अपनी, ममता से बैठाता है | आँचल की दे छाँव उसे, सत्-रंगों से सजाता है | मन्द-मन्द शीतल-शीतल, मोहक पवन बिखेर कर | मस्त हो जाता चंचल मन, आसमान को देख कर |
We use cookies to ensure that we give you the best experience on our website. If you continue to use this site we will assume that you are happy with it.Ok