मन का महफ़िल | Man ka Mehfil
मन का महफ़िल
( Man ka mehfil )
( Man ka mehfil )
सबसे बड़ी है रे माँ ( Sabse badi hai re maa ) सबसे बड़ी है रे माँ ओ भैया मेरे सबसे बड़ी है माँ नौ माह तुझको पेट में झुलाती माँ अपनी छाती का तुझे दूध पिलाती माँ ख़ुद गीले में तुझको सुखे में सुलाती माँ वो लेकर बहुत अरमान । ओ भैया मेरे…
सेल्फी ( Selfie ) सेल्फी बनी आज, जीवन का अभिन्न अंग आत्ममुग्धता का पर्याय, खुशियों का महासागर । परम प्रथम श्री काज , सर्वत्र असीम आदर । आत्म प्रेम अभिव्यंजना , भर जीवन आनंद रंग । सेल्फी बनी आज, जीवन का अभिन्न अंग ।। आधुनिक युग यह जतन, सम जप तप साधना । भगवान पूर्व…
न जाने क्यूॅं? ( Na Jane Kyon ) आज भी जब निकलता हूॅं ब्राह्मणों की गली में तो अनायास ही खड़े हो जाते हैं कान चौकस मुद्रा में और चारों ओर दौड़ती हुईं अपलक आकार में बड़ी हो जाती हैं ऑंखें भौंहें तन जाती हैं फड़कने लगते हैं हाथ-पाॅंव और रगों में चोट-कचोट की मिश्रित…
इन्हीं दिनों ( Inhi Dino ) अक्टूबर फिर गुज़रने को हैमेरे ज़ख़्म हरे करने को हैंपारिजात की बेलों परनीले फूल महक रहे थेउम्मीद की शाख़ों परआरज़ू के पंछी चहक रहे थे तुम ने इन्हीं दिनों दबे स्वर में कहाजा रहा हूँ सात समन्दर पारयदि हो सके तोतुम करना इन्तज़ारतुम्हें कैसे बताऊँउस लम्हे की कसकज़मीं पे…
कच्चे मकान बरसाती रातें ( Kache makan barsati raatein ) चलो कच्चे मकानों में, गरीबों के ठिकानों में। बरसाती राते देखो, उनकी जिंदगानी है। छप्पर टपके पानी, नैन टपकता नीर। जलमग्न हो कुटिया, भरे बस्ती में पानी है। दिल पर कैसी गुजरे, बरसाती काली रातें। अंधियारा घट छाए, बस्तियों की कहानी है।…
याद नहीं अब तो कुछ भी ( Yaad nahi ab to kuch bhi ) याद नहीं अब तो कुछ भी बदली है तस्वीर यहां। जो मुखोटे पल-पल बदले बदली है तकदीर यहां। विश्वास प्रेम की धाराएं या बदल गई जीवन धारा। झूठ कपट ईर्ष्या मे मानव लोभ मोह में पड़ा सारा। याद नहीं अब…