Ghazal | मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है
मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है
( Mat Kar Nafrat Dosti Ek Phool Hai)
मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है!
प्यार कर लें जिंदगी इक फ़ूल है
मयकशी करनी छोड़ो भी अब ज़रा
संभलो यारों जिंदगी इक फ़ूल है
दूर जीवन से करो ग़म सब अपनें
होठों पे देखो हंसी इक फ़ूल है
शेर रक्खो लब पे उल्फ़त के सदा
सांसों की ही शाइरी इक फ़ूल है
लोग उसको ही मसलने में लगे
बन गयी वो अब कली इक फ़ूल है
प्यार भरा दिल तोड़ मत आज़म का तू
जिंदगी की आशिक़ी इक फ़ूल है