फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर | Mohabbat ko Sare Aam

फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर

( Phir humne mohabbat ko sare aam kar ) 

 

छुप छुप के दिल का बुरा हाल कर लिया
सच जानिए तो जी का जंजाल कर लिया
समझ जो आया,एक उम्र बीत जाने के बाद
फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर दिया
फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर …..

ये इश्क विश्क और लफड़े बफड़े
कभी भी दे देते हैं झटके तगड़े
हिफाजत ए दिल काम कर दिया
हमनें शिफा ए इंतज़ाम कर दिया
फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर …..

अब लुका छिपी कहां होती है इस दौर में
इंस्टा ट्विटर एफबी व्हाट्सएप के शोर में
ये इजहार ए इश्क भी आम कर लिया
वायरल ब्रेकअप सीना तान कर दिया
फिर हमने मोहब्बत को सरे आम कर …..

 

नरेन्द्र सोनकर

बरेली ( उत्तर प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

डॉ के एल सोनकर ‘सौमित्र’ की कविताएँ | Dr. K. L. Sonkar Poetry

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *