Ghazal || न जाने कौन सी बीमारी है
न जाने कौन सी बीमारी है
( Na Jane Kaun Si Bimari Hai )
जिगर में दर्द अश्क जारी है।
न जाने कौन सी बीमारी है।।
शुकून लाऊं तो लाऊं कैसे,
हर तरफ बहुत पहरेदारी है।।
चार कंधों पर सज गया बिस्तर,
क्या मेरे जाने की तैयारी है।।
मुहब्बत खेल नहीं बच्चों का,
तमाम उम्र की बेकारी है।।