Hindi poem on Hindi bhasha
Hindi poem on Hindi bhasha

हिंदी बोल इंडिया

( Hindi Bol India ) 

 

 

हिन्दी बोल इंडिया कहकर क़लम आज चलानी है,

सरल शब्दों में कहा जाएं तो यह बहुत वंदनीय है।

वैश्विक स्तर पे जानतें है अब राष्ट्रभाषा बनवानी है,

कई ऑफिस दफ्तरों में जिसकी दशा दयनीय है।।

 

हिन्द को गौरवान्वित करतीं यें भाषा ऐसी प्यारी है,

इसमें जान इससे शान व इससे पहचान हमारी है।

देश विकास के आधार को यही मज़बूत बनाती है,

एकता सूत्र में यह पिरोती हिन्दी भाषा हमारी है।।

 

हर वर्ष मनातें हम‌ इसका मिलकर हिन्दी दिवस है,

हिंदी बोल इंडिया कहतें लिखते लेख व निबंध है।

लेखक कवि एवं रचनाकार साहित्यकार विशेष है,

फैला रहें है यहीं मिलकर सारे विश्व में सुगन्ध है।।

 

ऐसे तो भारत देश में अनेंक तरह की यें भाषाऍं है,

पर भारतीयों के सम्मान की केवल भाषा हिंदी है।

इस अंग्रेजी का आज सर्वाधिक हो रहा उपयोग है,

लेपटाप मोबाइल कम्प्यूटर आधुनिकता सोच है।।

 

ज़िंदगी की इस कश्ती में सोच समझकर बैठना है,

हिंदी है हम हिंदुस्तान की यें भाषा हमें बोलना है।

बहन भाई चाचू चाची इन पड़ोसियों को बताना है,

हिन्दी बोल इंडिया  कहकर सबको ही जगाना है।।

 

रचनाकार :गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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