नौसेना दिवस ( 04 दिसंबर )
नौसेना दिवस ( 04 दिसंबर )

नौसेना दिवस ( 04 दिसंबर )

 

भारत मना रहा है आज नौसेना दिवस,
अपार शक्ति के आगे शत्रु सहमने को है विवश।
नौसेनिक भी जी जान से करते हैं युद्धाभ्यास,
समुद्री रास्ते से ना हो आतंकी हमले प्रयास।
याद कर रहे हम उन वीरों को-
दिया जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान,
है आजादी की लड़ाई में भी-
नौसेना का महत्वपूर्ण योगदान;
इनके साहस शौर्य के बल पर-
हम सब खड़े हैं सीना तान।
नौसेना को है देशवासियों का सलाम,
क्षण में करते शत्रुओं का काम तमाम।
सिंधु विशाल के सीने पर खड़े हो करते- समुद्री सीमाओं की रक्षा,
पूरी नहीं होने देते कभी शत्रुओं की इच्छा।
नजर रखते हैं घड़ी घड़ी,
सतह ऊपरी हो या सतह भीतरी।
युद्ध पोतों/पनडुब्बियों से करते रक्षा निरंतर,
क्या पानी के ऊपर हो या नीर के अंदर!
अपने साहस से बारंबार शत्रुओं को छकाया हैं,
निरंतर उन्हें यमपुरी भी पहुंचाया है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों के परेड और युद्धाभ्यास में
सदैव लोहा मनवाया है,
भारत को सदा विजेता बनवाया है।
तस्कर हों या कोई घुसपैठिया
बच नहीं सकते इनके वार से
सैल्युट कर रहे हम सब नौसेना को-
बड़े ही प्यार से।
नौसेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
बस शत्रुओं के छक्के छुड़ाते जाएं!
हम-सब सदैव खड़े हैं
कंधे से कंधा मिलाए।

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नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

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