Nausena sthapna diwas par kavita

नौसेना स्थापना दिवस | Nausena sthapna diwas par kavita

नौसेना स्थापना दिवस

( Nausena sthapna diwas ) 

 

 

हे नौसेना के प्रहरियों मैं करता हूं आपको वन्दन,

तटीय सीमाऔ पर खड़े है छोड़कर रिश्ते बंधन।

प्रकट कर रहा हूं मै गणपत आपका ये दम खम,

स्थापना दिवस पर करता हूं सबका अभिनन्दन।।

 

इस पानी में भी दुश्मन को आप चटा देते है धूल,

समुद्रों की सीमा सुरक्षा में नही करते कोई भूल।

जंग ए आजादी अथवा वो मुंबई ताज ऑपरेशन,

नौसेना कहते है जिसको ये जानता विश्व समूल।।

 

इस भारत देश को आपने सदा जीत ही दिलाया,

समुंद्र लुटेरों, विदेशी दुश्मनों से देश को बचाया।

जल मार्ग आतंकवादी घुसपैठ को विफल किया,

कराची नौसेना मुख्यालयों को आपने दफनाया।।

 

आपने ही पाक शत्रुओं के ऐसे छुड़ाएं यह छक्के,

देखकर जिसे रह गऐ वह आतंकी हक्के-बक्के।

गोवा से पुर्तगालियों को खदेड़ा है आपने बल से‌‌,

ना किसी से कम है आप लगाने में चौके छक्के।।

 

४ दिसम्बर १९७१ के युद्ध में विजय हुआ भारत,

जिसकी ख़ुशी में मनाते है सभी स्थापना दिवस।

आज है कई पनडुब्बियां विध्वंसक ढ़ेरों युद्धपोत,

गरुड़ उड्डयन सेवा कोच्चि और हंस आईएनएस।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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