नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) सप्तम दिवस
नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) सप्तम दिवस
हिल – मिल नवरात्रि पर्व का उत्सव मनाएं ।
भुवाल – माता के सब मिल मंगल गीत गाएं।
श्रद्धा और समर्पण का ले संबल चरण बढ़ायें।
भुवाल माता के स्मरण से अध्यात्म दीप जलायें ।
सागर में लहरें ज्यों अहं भावना का विलय करें ।
आत्म – पक्ष के सही लक्ष्य को अपनायें ।
निज आत्मा की उन्नति को विकसायें ।
भवितात्म बन अपने से अपना ह्रदय अभय बनायें ।
राग – द्वेष तज हों आत्म – विजेता बन जायें।
जप , तप , ध्यान आदि से स्वयं के नेता बन जायें ।
शक्ति – स्रोत दिव्य शक्ति का संचय हों जायें ।
निज कृतत्व कुशलता को जगायें ।
उज्जवल इतिहास को बनायें ।
सही आलम्बन ले साध्य – शिखर हम पायें ।
व्यक्तिगत स्पर्धाओं को कभी नहीं अपनायें ।
सूरज चांद सितारों के गुणों को विकसायें ।
समन्दर जैसी गम्भीरता को लायें ।
जीवन को सही बनाते जायें ।
भुवाल – माता का स्मरण करते जायें ।
हिल – मिल नवरात्रि पर्व का उत्सव मनाएं ।
भुवाल – माता के सब मिल मंगल गीत गाएं।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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