Aa Jaiye Janab

आ जाइए जनाब | Aa Jaiye Janab

आ जाइए जनाब

( Aa Jaiye Janab )

 

होली उमड़ रही अभी आजाइए जनाब।
व्यंजन बड़े लज़ीज़ हैं खा जाइएजनाब।

सबपे चढ़ा हुआ यहां है इश्क रंग खास,
तो देर किसलिए भला छा जाइए जनाब।

छोड़ो शिकायतें सभी खुशियां अभी बटोर,
दौलत बड़ी ये काम की पा जाइए जनाब।

लेकर अबीर हाथ में दिल में वफ़ा हजार,
फिर इश्क रंग का कहर ढा जाइए जनाब।

जिससे सुकून मिल सके ताउम्र तक हुजूर,
वो वस्ल की तरन्नुमी गा जाइए जनाब।

दिल बाग बाग हो गया जब मिल गये अजीज,
बस शेष एक इल्तज़ा ना जाइए जनाब।।

 

लेखक: शेषमणि शर्मा”इलाहाबादी”
प्रा०वि०-नक्कूपुर, वि०खं०-छानबे, जनपद
मीरजापुर ( उत्तर प्रदेश )

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