इस्लाम का पैग़म्बर

( Islam ka Paigambar )

 

अल्लाह के हुक़्मरान से ये धर्म जिन्होंने बनाया,
जिनके विचारों का ये धर्म इस्लाम है कहलाया।
ईद मिलाद-उन-नबी पर्व उनकी याद में मनाया,
जो मीठी-ईद एवं ईद-उल-फितर है कहलाया।।

भारत संग कई देशों ने इसे धूम-धाम से मनाया,
पैग़म्बर मोहम्मद साहब की याद सबको आया।
मुख्यतः पाकिस्तान श्रीलंका यूनाइटेड किंगडम,
बांग्लादेश, रूस जर्मन ने भी इसको अपनाया।।

इस दिन घर और मस्ज़िदों में कुरान पढ़ी जाती,
जुलूस के साथ अल्लाह की इबादत की जाती।
जिनकी शिक्षाएं हमे आज बहुत-कुछ सिखाती,
बद्र लड़ाई में मोहम्मद ने जीत हासिल की थी।।

कुरैश कबीले मक्का में जो जन्म लेकर बड़े हुए,
शादी पश्चात ध्यान करने वो पहाड़ों में चले गए‌‌।
एकान्तवास के दौरान जहां देवदूत मिलने आए,
कुरान के पहले रहस्योंद्धाटन देवदूत ने सुनाए।।

इसलिए समस्त मुस्लिम उनका अनुसरण करते,
पैग़म्बर की शिक्षाएं एव विचारों को याद करते।
ईद का चाॅंद दिखने के बाद ही त्योंहार ये मनाते,
एक-दूसरे से गले मिल कर ईद मुबारक कहते।।

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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