नई पीढ़ी न कतराए अखबार से || kavita on news
नई पीढ़ी न कतराए अखबार से
( Nai Pidhi Na Katraye Akhbar Se )
( Nai Pidhi Na Katraye Akhbar Se )
आईना दिखाओ! ( Aaina dikhao ) पेड़ो में छाँव रहे, वो पेड़ लगाओ, रहे फूलों में खुशबू वो फूल लगाओ। ख्वाहिशें मरने न पाएँ दुनियावालों की, अंधेरे रास्तों पे तुम चराग जलाओ। पैसे के गुरूर में जब आँखें थक जाएँ, बनके बच्चा कागज की नाव बनाओ। संसार को कोई समझ पाया है क्या, किसी…
“लंगूर के मुँह में अंगूर” एक बंदे ने शायर दोस्त को घर पर बुलाया , अपनी निहायती खूबसूरत बीवी से मिलाया। दोस्ती पक्की है बीवी को एहसास दिलाया , शायरी में ही अपने दोस्त का परिचय बताया। सुनो मेरा दोस्त एक मल्टीटैलेंटेड कलाकार है , शायरी कविता का इस पर शुरू से भूत सवार…
मृत्यु! ( Mrityu ) ** १ कभी आकर चली जाती है, कभी बेवक्त चली आती है। जरूरी हो तब नहीं आती, कभी बरसों बरस इंतजार है कराती। हाय कितना यह है सताती? कितना है रूलाती ? कब आएगी? यह भी तो नहीं बताती! एकदम से अचानक कभी आ धमकती है, जाने कहां से आ टपकती…
पग बढ़ाते चलो ***** कंकड़ी संकरी पथरीली, या हों रास्ते मखमली। हृदय में सदैव जली हो अग्नि, स्वार्थ हमें सब होगी तजनी। सेवाभाव की मंशा बड़ी, रास्ते में मुश्किलें भी होंगी खड़ी। पर जब करने की मंशा हो भली, बाधाएं दूर हो जातीं बड़ी से बड़ी। खुदा के वास्ते न देखो पीछे मुड़कर, बस तू…
बात एक कॉल की ( Baat ek call ki ) 14 अक्टूबर 14:14 पर कॉल आया, उसी पर मैंने यह हास्य व्यंग बनाया । एक दिन दोपहर में आया मुझे फोन, घंटी उसकी सुनकर हो गया मैं मौन। देखा मोबाइल तो नॉर्मल कॉल आया था, पूजनीय सतीश जी ने कॉल लगाया था। कुछ पल…
बुनियाद ( Buniyaad ) पूरी ईमानदारी से केवल तीन प्रश्नों के उत्तर ही खोज लीजिए ,की अब तक आपने क्या खोया क्या पाया आपके समाज और देश ने क्या खोया क्या पाया बस, आपको जीने , जन्मने और पाने का अर्थ मिल जायेगा…. जिंदा रहना ही अगर जिंदगी है तो मान लीजिए की आप…