पावन तीर्थ धाम लोहार्गल | Kavita
पावन तीर्थ धाम लोहार्गल
( Paawan tirth dham lohargal )
सुरम्य वादियों बीच में बसा लोहार्गल तीर्थ धाम
अरावली पर्वतमालाये बहता सूर्यकुंड अविराम
शेखावाटी का हरिद्वार जन मन जगाता है विश्वास
श्रावण में सब कावड़ लाते शिव पूजे जाते खास
सूर्य मंदिर संग पुरातन पांचो पांडव मंदिर जहां
अस्त्र-शस्त्र विसर्जित किये महाभारत काल वहां
हरी भरी हरियाली से मनमोहक भावन नजारा
पर्वतों की मोहक छटा तीर्थ स्थल पावन सारा
श्रावण मास मेला लगता परिक्रमा चोबीस कोस
धर्म ध्वजा लहराए हर हर महादेव का जयघोष
साधु-संत अघोरी तपे अखाड़ा आश्रम चहुंओर
नदियों झरनों का कल-कल मधुर सुहानी भोर
कोट बांध शाकंभरी नागकुंड किरोड़ी नीमड़ी घाटी
टपकेश्वर महादेव बिराजते शोभावती पावन माटी
हर हर महादेव स्वर गूंजे लोहार्गल की घाटी में
आस्था श्रद्धा विश्वास भरा पावन तीर्थ माटी में
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )