हुए हैं किसी के

हुए हैं किसी के

हुए हैं किसी के करम जब से हम पर हुए हैं किसी केमज़े आ रहे हैं हमें ज़िन्दगी के पड़े हम को मँहगे वो पल दिल्लगी केफँसे प्यार में हम जो इक अजनबी के किया उसने दीवाना पल भर में मुझकोहुनर उस पे शायद हैं जादूगरी के निगाहों से साग़र पिलाने लगे वोमुक़द्दर जगे आज…

seema

जलाना एक दीपक

जलाना एक दीपक ( माधव मालती छंदाधारित गीत ) देहरी पर आज अंतस के जलाना एक दीपकफेर कूची द्वेष पर तुम जगमगाना एक दीपक। घर तुम्हारा रौशनी से झिलमिलाता ठीक है येपर्व खुशियों के मनाता गीत गाता ठीक है येद्वार अंधेरा पड़ोसी का अगर है व्यर्थ है सबसामने कोई विकल तो हर्ष का कुछ अर्थ…

Dhanteras par kavita

धन्य त्रयोदशी

धन्य त्रयोदशी सबसे निस्पृह महावीर प्रभु अनंत चतुष्टय रत रहते,समवसरण की बाह्य लक्ष्मी पर भी चौ अंगुल स्थित रहते,कार्तिक मास की त्रयोदशी पर तीर्थंकर पुण्य भी त्याग दिया,सारा वैभव पीछे छूटा प्रभु एकल विहार रत रहते !! धन्य हुई कार्तिक त्रयोदशी आपने योग निरोध किया,मन वच काय साध आपने आत्म तत्व को शोध लिया ,योग…

नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते

नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते

नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगते नफ़रतों के ये नजारे नहीं अच्छे लगतेखून से लिपटे हमारे नहीं अच्छे लगते कद्र -जो मात- पिता की न किया करते हैंअपने ऐसे भी दुलारे नहीं अच्छे लगते जान लेती हैं हमारी ये अदाएँ तेरीयूँ सर -ए बज़्म इशारे नहीं अच्छे लगते जिनमें ज़हरीले से दाँतों की रिहाइश…

अन्तर्मन का दीया

अन्तर्मन का दीया

अन्तर्मन का दीया दीपावली के दीये तोबुझ जाएँगेएक रात के बाद किन्तु अन्तर्मन का दीयासदैव जलाए रखना तांकि मिट सकेनिराशाओं का तिमिरचमकता रहेआशाओं का शिविर जगमगा उठेयह दिवस ओ निशाभावनाओं की हर दिशा यदि हो सके तोजलानाकिसी असहाय केबुझे हुए दीयेरौशनी के लिए। डॉ जसप्रीत कौर फ़लक( लुधियाना ) यह भी पढ़ें :-

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे

यार तू हँसना हसाना छोड़ दे यार तू हँसना हसाना छोड़ देलोगो की बातों में आना छोड़ दे इस तरह तू मुस्कराना छोड़ देगम को अपने तू छुपाना छोड़ दे अब न राधा और मीरा है कोईश्याम तू बंशी बजाना छोड़ दे प्यार भी ये इक बला है मान करगीत उल्फ़त के सुनाना छोड़ दे…

Diwali Poem Hindi

पावन दिवस है दीपावली

दीपावली का दिन बहुत ही पवन और पवित्र है। इस दिन हर जाती धर्म के लोग इस त्यौहार को अपने अपने तरीके और उत्साह के साथ मानते है। सभी का मानना है की दीप जलाकर सिर्फ खुशीयों को जाहिर करे और भाईचारे तथा स्नेह प्रेम की भवानाओं की ज्योत हर एक इन्सान के दिलमें और…

जब दिकु सामने आएगी

जब दिकु सामने आएगी

जब वो सामने आएगी, तो शायद सबसे पहले मैं एक पल के लिए ठहर जाऊंगा। उसे देखता रहूंगा, जैसे मेरी नज़रें उसे महसूस कर रही हों, और दिल में इतने अरसे से उठते भाव अचानक से उसकी मौजूदगी में सिमट जाएं। मेरे लफ़्ज़ शायद साथ न दें, पर मेरी आँखें उसे सब कह डालेंगी। पहली…

Kavita devtaon ki diwali

रौशन करें | Roshan Karen

रौशन करें ( Roshan Karen ) तीरगी में प्यार का ऐसा दिया रौशन करेंहो उजाला जिसका हर सू वो वफ़ा रौशन करें लुत्फ़ आता ही कहाँ है ज़िन्दगी में आजकलमौत आ जाए तो फिर जन्नत को जा रौशन करें मतलबी है ये जहाँ क़ीमत वफ़ा की कुछ नहींहुस्न से कह दो न हरगिज़ अब अदा…

कल रात

कल रात | Kal Raat

कल रात ( Kal Raat ) ज़िन्दगी धूप सी लगी कल रातइस तरह बेबसी दिखी कल रात जिसको देखा नहीं सँवरते मैंवो भी सज-धज के तो मिली कल रात मिलने बेचैन हो गया दिल तोरात भी जो कटी नही कल रात ज़िन्दगी से जिन्हें शिकायत थीखुशियां उनमें मुझे दिखी कल रात ज़िन्दगी भर का साथ…