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छोड़ दें करनी अदावत की बातें

Urdu Poetry On Life | Ghazal -छोड़ दें करनी अदावत की बातें

छोड़ दें करनी अदावत की बातें   (Chod De Karni Adawat Ki Baatein)     छोड़ दें करनी अदावत की बातें दोस्त कर लें तू मुहब्बत की बातें    बेवफ़ाई में प्यार की जो खो गया दोस्त मत कर रोज़ उस ख़त की बातें   प्यार का पैग़ाम दें सबके दिल में की नहीं अच्छी…

सबसे ऊँची शान ख़ुदा की

Amazing Urdu Poetry -सबसे ऊँची शान ख़ुदा की

सबसे ऊँची शान ख़ुदा की ( Sabse Unchi Shaan Khuda Ki )     सबसे ऊँची शान ख़ुदा की हर बन्दे में जान ख़ुदा की   मंदिर मस्जिद सब हैं उसके आरती और अज़ान ख़ुदा की   सूरज चंदा रुप हैं उसके फूलों में मुस्कान ख़ुदा की   हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ये सब हैं…

ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले

Urdu Poetry | Ghazal -ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले

ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले ( Khawab Tute Kabhi To Armaan Ka Pata Chale )     ख्वाब टूटे कभी तो अरमान का पता चले मुझे आँख लगे जो तूफ़ान का पता चले   ए-शराब में तुझे कुछ इस तरह से पीता हूँ मदहोश भी रहूँ तो मकान का पता चले  …

जिन्दगी ही मेरी मुझसे दूर है

जिन्दगी ही मेरी मुझसे दूर है | Urdu shayari on Zindagi in Hindi

जिन्दगी ही मेरी मुझसे दूर है ( Zindagi hi meri mujhse dur hai )      जिन्दगी  ही  मेरी  मुझसे  दूर है कुछ तो बोलो मेरा क्या कुसूर है   तुम बनाइ हो  जो दूरियां  मुझसे बात कुछ ना  कुछ  तो  ज़रूर है   मैं कैसे चलूं  जिन्दगी  का  सफर तेरे बगैर दो कदम भी…

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो | Ghazal by Nepali Urdu Shayar

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो ( Be andaaja had se guzre to )   बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो दर्दो के दवा पाया दवा कुछ ऐसा पाया की दर्द ही बे-दवा पाया   इश्क़ ने क़रार-ए-ज़ीस्त का खबर क्या पाया उम्र भर की तपिश तृष्णागि ने एक आहा पाया   असर दुवाओ में है, हमने…

कोई मिले तो सही मुझे भी दिल लगाना है

दिल लगाना है मुझे भी | Ghazal by Nepali Urdu poet

 दिल लगाना है मुझे भी  ( Dil lagana hai mujhe bhi )     अमीर खुसरो से लेकर गुलज़ार, ग़ालिब है दीवाना बचूंगा भला मैं कैसे इस मुहब्बत से दिल लगाना है मुझे भी दिलकशी जानना है जान – ए- बहार के वक़्त रश्क-ए-चमन में मुझे भी यारी का खुसबू लुटाना है कोई मिले तो सही मुझे भी दिल लगाना है खुद की क़त्ल की तैयारी कर रहा हूँ मेरे यार मुहब्बत करना है, और करना भी क्या है मेरे यार ज़ोहरा-जबीं, तेरे नूर से अपनी नफ़्स को सजाना है भले देर से मिलो मगर तुम्हे कसकर गले लगाना है सर भारी है और बदन को भी पाक होनी है जिस रोज इश्क़-ए-मान, तुम मिलोगी…

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है | Urdu ghazal by Nepali poet

 हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है  ( Hum par koi naqab thodi hai )   ❄️ आइना खुदको क्या समझता है नक़ाब वाला चेहरा दिखाता है तो दिखाने दो हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है ❄️ ये जुगनू घेर लेता है पूरी आसमान को चाँद अकेला है पर किसी से कम थोड़ी है ❄️ रोकर…

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विश्व उर्दू दिवस का आयोजन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विश्व उर्दू दिवस का आयोजन, अल्लामा इक़बाल की जयंती पर गूंजा गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश

आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भाषा एवं कला संकाय के अन्तर्गत चल रहे उर्दू विभाग ने विश्व उर्दू दिवस का आयोजन किया यह दिवस अल्लामा इक़बाल की जयंती पर मनाया जाता है कार्यक्रम का मंच संचालन उर्दू विभाग के शिक्षक मनजीत सिंह ने किया। गंगा जमुना तहजीब की पहचान है उर्दू भाषा पर वक्तव्य हुआ। इस…

हर पहर तन्हा

हर पहर तन्हा | Har Pahar Tanha

हर पहर तन्हा ( Har Pahar Tanha ) उनकी फ़ुर्क़त में हर पहर तन्हा।दिल ये रोता है किस क़दर तन्हा। एक दूजे की राह तकते हैं।हम इधर और वो उधर तन्हा। उनकी अदना सी एक चाहत पर।ज़ीस्त कर दी गयी बसर तन्हा। हम भी कमरे में क़ैद रहते हैं।वो भी करते हैं अब गुज़र तन्हा।…

शुभम मैमोरियल की मासिक काव्यगोष्ठी और सम्मान समारोह, शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न

शुभम मैमोरियल की मासिक काव्यगोष्ठी और सम्मान समारोह, शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न

शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था की मासिक काव्यगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में ख़ुश लोक सभागार में आयोजित किया गया। संचालन ग़ज़लराज ने किया, मां शारदे की वंदना सत्यवती सिंह सत्या ने की। इस अवसर पर कामेश पाठक (बदायूं) क़दीर आलम (मुरादाबाद) को उनकी साहित्यिक सेवाओं के…