हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है | Suneet Shayari

हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है ( Hamane jaate hue raste ko mud kar dekha hai )   हमने जाते हुए रास्ते को मुड़कर देखा है निगाह में मंज़िल नहीं कोई, मगर बड़ी हसरत से देखा है आरजू सायों की लेकर , धुप में चल दिए थे कभी उसे मेरे हिस्से के बादलों…

Barase na savanava

बरसे न सवनवा | Barase na savanava | Kajri geet

बरसे न सवनवा ( Barase na savanava )   बहे जोर-जोर पुरवा बस पवनवा सखी बरसे न सवनवा ना ….2 जब से बरखा ऋतु है आई बदरी नभ में ना दिखाई। 2 आग बरस रहा धरती पर गगनवा ना….. सखी बरसे ०…… नदी नार सब है सूखे पेड़ रुख अब तक रूखे । 2 झूर…

Poem Shiva

शिव | Shiva kavita

शिव ( Shiva )   अंग भस्म रमाए बाबा, हे नंदी के असवार। गंग जटा समाए बाबा, हे जग के करतार।   भोलेनाथ डमरू वाले, शिव सब देवों के देव। खोलो पलकें ध्यान मग्न, भोले बाबा महादेव।   आया सावन उमड़ घुमड़, करते पूजा तेरी। बिल पत्र दुग्ध जल चढ़ाए, नाथ सुनो मेरी।   गिरि…

Nazar pher kar chale kahan

नजर फेर कर चले कहां | Nazar pher kar chale kahan

नजर फेर कर चले कहां ( Nazar pher kar chale kahan )   महक रही मस्त हवाये चमन खिले हम मिले जहां ओ मनमौजी छोड़ हमें नजर फेरकर चले कहां   याद करो पल सुहाने मनमीत मिले तो चैन मिले इक दूजे के नयन दमकते नैन मिले तो रैन खिले   दिल की हसरतें ख्वाब…

Kavita ki jhankar

कविता की झंकार | Kavita ki jhankar

कविता की झंकार ( Kavita ki jhankar )   तुकबंदी करते-करते कविता भी करनी आई अल्फाजों ने जादू फेरा मन में उमंग जगाई   शब्दों की माला पिरोता महके महफिल सारी गीतों की लड़ियों से गूंजती वो केसर क्यारी   भाव भंगिमा सुरताल साज बाज अल्फाज काव्य धारा में बह जाए अंतर्मन छिपे राज  …

Kavita main aur woh aasha

मैं और वो आशा | Kavita main aur woh aasha

मैं और वो आशा ( Main aur woh aasha )   मैं जूझ रहा तूफानों में आंधी और वीरानो में रेतीले धोरों में उंची घाटियों और चट्टानों में   एक आशा की किरण मुझे साहस संबल दे रही राह की बाधाएं मेरी पग पग पे परीक्षा ले रही     मन में आस जगाए मैं…

Parvat parvat shikhar shrinkhala

पर्वत पर्वत शिखर श्रृंखला | Parvat parvat shikhar shrinkhala

पर्वत पर्वत शिखर श्रृंखला ( Parvat parvat shikhar shrinkhala )   पर्वत पर्वत शिखर श्रृंखला, मेघ दिखे घनघोर घटा। अवनि को अम्बर ने देखा,प्रेम मिलन की प्रथम छंटा। आएगी ऋतु बार बार पर, प्रियतम बोलो कब आओगे, कल कल छल छल निर्मल जल,सागर मे मिलती खोल जटा।   उपरोक्त कविता सुनने के लिए ऊपर के…

Sabse juda apni ada

सबसे जुदा अपनी अदा | Sabse juda apni ada | Kavita

सबसे जुदा अपनी अदा ( Sabse juda apni ada )   सबसे जुदा अपनी अदा लगे मनभावन सी। इठलाती बलखाती और बरसते सावन सी।   हंसता मुस्कुराता चेहरा अंदाज निराला है। खुशियों में झूमता सदा बंदा मतवाला है।   मदमस्त चलता चाल मनभावन से नजारे हैं। सारी दुनिया से हटकर नखरे उसके न्यारे हैं।  …

Poem waqt

वक्त | Poem waqt

वक्त ( Waqt )   वक्त से ना बड़ा कोई पहले हुआ, वक्त से ना बड़ा कोई हो पायेगा। वक्त से कोई पहले हँस ना सका, वक्त से कोई पहले ना रो पायेगा।।   ना किसी के लिए रुका है कभी ना किसी के लिए झुका है कभी उसके अंतस में क्या है समझ न…

Poem aayi mast baharen

आई मस्त बहारें | Poem aayi mast baharen

आई मस्त बहारें ( Aayi mast baharen )   लो आई मस्त बहारें, गली-गली द्वारे द्वारे। सावन के झूले लगे, झूम झूम नाचे सारे।   हर हर महादेव, हे सब देवों के देव। जग के है करतार, वो भोलेनाथ हमारे।   सावन बरसे पानी, रिमझिम झड़ी लगे। घटाएं गगन छाए, मस्तानी चले बयारें।   उर…