Meri neend kam khwaab ho tum

मेरी नींद का ख्वाब हो तुम | Meri Neend ka Khwaab ho Tum

मेरी नींद का ख़्वाब हो तुम ( Meri neend ka khwaab ho tum )   टूटे है भरम दिल के सभी तेरे दर से लौट आये हम   बस मेरा ख़्वाब था तू कोई हक़ीक़त नहीं   अगर किसी मोड़ पर मिल जाये कभी   तो निगाहें बचाकर पास से गुजर जाना   कभी याद…

Choti choti khushiyan

छोटी छोटी खुशियां | Choti choti khushiyan chhand

छोटी छोटी खुशियां ( Choti choti khushiyan )   बालक की मुस्कान भी, धीरे-धीरे तुतलाना। छोटी-छोटी खुशियों से, आंगन महक रहा।   जन्मदिन वर्षगांठ, शादी विवाह घर में। प्यारे प्यारे बोल मीठे, मनवा चहक रहा।   हर्ष खुशी घर आए, सबसे प्रेम जताये। अनमोल मोती प्रेम, मन में बरस रहा।   मेहमानों का आदर, सम्मान…

Moh chhand

मोह | Moh chhand

मोह ( Moh ) मनहरण घनाक्षरी   मोह माया के जाल में, फंस जाता रे इंसान। लोभ मोह तज जरा, जीवन संवारिये।   कोई पुत्र मोह करें, कोई दौलत का लोभ। लालच के अंधे बने, पट्टिका उतारिए।   ना बांधो मोहपाश में, करना है शुभ काज। सद्भावों के फूल खिला, चमन खिलाइए।   ना काया…

School chale hum

स्कूल चले हम | School chale hum | Chhand

स्कूल चले हम ( School chale hum )   मनहरण घनाक्षरी   आओ स्कूल चले हम, होकर तैयार चले। पढ़ने को लेकर बस्ता, पाठशाला जा रहे।   खुल गई स्कूले सारी, मोटी मोटी फीस भारी। कापी किताबें लेकर, पढ़ने को जा रहे।   समय पर जगना, समय पर ही सोना। पहन ड्रेस हम भी, विद्यालय…

हैप्पी फादर्स डे

हैप्पी फादर्स डे | Happy Father’s Day

हैप्पी फादर्स डे ( Happy Father’s Day )   बरसों हुए विदा हुए फिर नन्हीं सी तनया बन जाती हूं जाकर बाबला तेरे अंगना में….   वही महक,वही खुश्बू समा तेरी जूही की कली सी बन जाती हूं जाकर बाबला तेरी बगिया में…   अपने आसमानों से देख नई कोंपले फूटीं,नये बसेरे बने बाबला तेरे…

Samay rukta nahi

समय रुकता नहीं | Samay rukta nahi | Chhand

समय रुकता नहीं ( Samay rukta nahi ) मनहरण घनाक्षरी   वक्त निकला जा रहा, समय रुकता नहीं। कालचक्र की गति को, जरा पहचानिए।   शनै शनै बीत रहा, हाथों से निकले रेत। पल पल हर घड़ी, समय को जानिए।   काल की नियति जानो, ठहरता नहीं वक्त। समय को बलवान, जीवन में मानिये।  …

Sant Kabir Das

संत कबीर दास | Sant Kabir Das par kavita

संत कबीर दास ( Sant Kabir Das )     आडंबर दिखावे का, करते सदा विरोध। कबीर दास के दोहे, जनचेतना ला रहे।   अल्लाह के बंदे बने, राम के आराधक भी। संप्रदाय सद्भाव के, प्रसून खिलाते रहे।   उपदेश मन भाए, वचन राह दिखाएं। संत कबीर के दोहे, सबके मन भाते रहे।   सभी…

Purwa bayar bahe

पुरवा बयार बहे | Purwa bayar bahe

पुरवा बयार बहे ( Purwa bayar bahe )   केतकी गुलाब जूही चम्पा चमेली, मालती लता की बेली बडी अलबेली। कली कचनार लागे नार तू नवेली, मन अनुराग जगे प्रीत सी पहेली।   पुरवा बयार बहे तेज कभी धीमीं, बगियाँ में पपीहे की पीप रंगीली। बारिशों की बूँदे बनी काम की सहेली, रागवृत रति संग…

Hain kal ke hi janaze

हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं | Hain kal ke hi janaze | Ghazal

हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं! ( Hain kal ke hi janaze,kandhe badal gaye hain )     हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं! चेहरे बदल गये ‌ हैं , मातम बहल गये हैं!   तूफान जैसा आया, लगता है आजकल तो खामोश कातिलों से , सीने  दहल  गये…

Phoolon ki kali

फूलों की कली | Phoolon ki kali | Chhand

फूलों की कली ( Phoolon ki kali ) मनहरण घनाक्षरी   महक गई वादियां, महका चमन सारा। फूलों की कलियां खिली, मधुर चली बहार।   मधुबन में बहारें, झौंका मस्त पवन का। कलियों ने महकाया, लो आने लगी बहार।   विविध भांति पुष्पो ने, सुगंधित कलियों ने। मदमस्त किया समां, सुहानी लगी बयार।   महकते…