Badiya si ghazal

कौन रक्खे प्यार अपने के लिए | Badiya si ghazal

कौन रक्खे प्यार अपने के लिए  ( Kaun rakhe yaar apne ke liye )     कौन रक्खे प्यार अपने  के लिए ! लड़ रहे है लोग पैसे के लिए   दिल भरा है ख़ूब लालच से यहाँ कौन लड़ता देखो रिश्तें के लिए   और तू तैय्यार मिलनें को नहीं शहर से आया हूँ…

Marathi poetry seminar

स्वतन्त्रता दिवसपर (अमृत महोत्सव) के रूप में ब्रजभूमि पटलपर मैराथन काव्यगोष्ठी

15 अगस्त 2022 दिन सोमवार को 76 वे स्वतन्त्रता दिवस को अमृत महोत्सव के साथ ब्रजभूमि पटल मथुरा के संस्थापक आचार्य श्रीकृष्ण भारद्वाज शास्त्री जी का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता आ.नरेन्द्र शर्मा “नरेन्द्र”जी अलीगढ़(उ.प्र.) ने की, मुख्य अतिथि डॉ.राजकुमार”रंजन”जी आगरा(उ.प्र.), तथा अति विशिष्ट अतिथि डॉ.रोशनी किरण जी मुम्बई (महाराष्ट्र),…

Reza reza

रेज़ा रेज़ा | Reza reza

रेज़ा रेज़ा ( Reza reza )   इकट्ठा करती हूँ बीनती हूँ इक इक टुकड़ा बारीक से बारीक किरचन उठाती हूँ देखती हूँ अपनी लाल हुई ज़ख्मी उंगलियां कभी उस टूटे हुये आईने को . . . . आईने को? या रेज़ां रेज़ां खुद को? लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी…

Poem bhram

भ्रम | Poem bhram

भ्रम ( Bhram )   जो गति मेरी वो गति तेरी,जीवन भ्रम की छाया है। नश्वर जग ये मिट जाएगा, नश्वर ही यह काया है।   धन दौलत का मोह ना करना, कर्म ही देखा जाएगा, हरि वन्दन कर राम रमो मन,बाकी सब तो माया है।   यौवन पा कर इतराता हैं, बालक मन से…

Poem dharamyudh

धर्मयुद्ध | Poem dharamyudh

धर्मयुद्ध ( Dharamyudh )   जीवन के इस धर्मयुद्ध में, तुमको ही कुछ करना होगा। या तो तुमको लडना होगा,या फिर तुमको मरना होगा।   फैला कर अपनी बाँहो को, अवनि अवतल छूना होगा। कृष्ण ज्ञान के अर्जुन बनकर,गीता राह पे चलना होगा।   कर्मरथि बन कर्तव्यों का, तुम्हे निर्वहन करना होगा। या तो अमृत…

Shyam kavita

श्याम | Shyam kavita

श्याम ( Shayam )   रस लेकर रसखान सरीखे, काँन्हा तुम आ जाओ। जग मे घटते प्रीत मोह रस, फिर से आ बरसाओ।   सूखी धरती उमड मेघ बन,जग की प्यास बुझाओ। नटवर नागर कृष्ण कन्हैया,अब तो तुम आ जाओ।   कालीदास के मेघदूत बन, उमड घुमड कर आओ। तृप्त करो मन की चंचलता,अब तो…

Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj

संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज | Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj | Kavita

संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज  ( Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj )   जय जय जय हे संत शिरोमणि,गणिनाथ महाराज। योग क्षेम कल्याण शिरोमणि, गणिनाथ महाराज।   महादेव के मानस पुत्र हो, तुम जन कल्याणी हो। मंशाराम के दत्तक पुत्र हो, धर्म रक्षक अवतारी हो।   राग द्वेष तम दूर करे प्रभु, सत्य धर्म अधिकारी…

Nai nai ghazal

जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे | Nai nai ghazal

जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे ( Jeest mein woh fiza rab yahan de mujhe )   जीस्त में वो फ़िज़ा रब यहां दें मुझे प्यार की उम्रभर वो रवां दें मुझे   जीस्त के ख़्वाब वो पूरे कर  दें सभी और ए रब नहीं इम्तिहां दें मुझे   रख सलामत शाखें प्यार…

Poem utsav aaj manaya hai

उत्सव आज मनाया है | Poem utsav aaj manaya hai

उत्सव आज मनाया है ( Utsav aaj manaya hai )   जिन भावों को मन में धर कर, उत्सव आज मनाया है। जिन भावों को राष्ट्रगान में, मिलकर हमने गाया है।।   जिन भावों से भारत माँ की, जय जयकार लगाई है जिन भावों से अमर शहीदों को माला पहनाई है   एक निवेदन उन…

Poem azadi ka amrit utsav

मुल्क के सुमन | Poem Mulk ke Suman

मुल्क के सुमन ( Mulk ke suman )   हम मुल्क के मासूम सुमन हम धरती माता के धन हम कोमल है पर सबल है धुर्ब जैसे सदैब अटल गगन उगलता आग हो छिड़ा मरण का राग हो लहू का अपना फाग हो हम वही अनुराग है क्या कर सकेगा दौरे जमां हमारा मिट जायेंगें…