सोच कर देखो | Pakshi par Kavita
सोच कर देखो
( Soch kar dekho )
पक्षी पर कविता
( Soch kar dekho )
पक्षी पर कविता
विद्वान सर्वत्र पूज्यन्ते ( Vidwan sarvatra pujyate ) जीवन को आज वक्त के साथ जोडे़, शिक्षाएँ लो आज विद्वानों से थोड़े। शिक्षा के बिना जीवन रहता अधूरा, कलम से विद्वान काम करते है पूरा।। विद्वानों मे है सर्व प्रथम गुरु का नाम, किसी को ना मिलता गुरु बिना ज्ञान। ज्ञान बिना किसी को मिले…
होलिया में रंग का उड़ाईं ( Holiya me Rang ka Udai ) खेतवा चरल नील- गाय, होलिया में रंग का उड़ाईं। सड़वा कै कवन बा उपाय, होलिया में रंग का उड़ाईं। (2) खेतवा के होंठवा कै सूखल ललइया, आलू, बैंगन,गोभी कै टूटल कलइया। अरे! सड़वा से खेतिया बिलाय, होलिया में रंग का उड़ाईं। सड़वा…
मैं कान हूं ( Main kaan hoon ) मैं कान हूं अपने जिम्मेदारियों से परेशान हूं। गालियां हों या तालियां अच्छा हो या बुरा सबको सुनकर,सहकर हैरान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं। चश्में का बोझ ढोकर डंडियों से जकड़ा हुआ आंखों के मामलों में, मैं बना पहलवान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं।…
सब कुछ बदल गया अब ( Sab kuchh badal gaya ab ) सब कुछ बदल गया अब तो बदला आलम सारा कहां गई वो प्रीत पुरानी बहती सद्भावों की धारा दूर देश से चिट्ठी आती पिया परदेश को जाना पनघट गौरी भरें गगरिया हंस-हंसकर बतलाना बदल गया अब रहन सहन सब शिक्षा…
नौसेना दिवस ! ( Nausena divas ) ( 2 ) हिंद ह्रदय नित गर्वित,जांबाजों के शौर्य वंदन से चार दिसंबर प्रेरणा पुंज, सर्वत्र नौ सेना दिवस आह्लाद । नमन पाक युद्ध इकहत्तर उत्सर्ग, अहम हिंद विजित संवाद । सप्तम सर्वश्रेष्ठ नौ सेना छवि, परमता विजय भव मंत्र मंचन से । हिंद ह्रदय नित गर्वित,जांबाजों के…
सच का आइना ( Sach ka aaina ) हिंदू, मुस्लिम तुम आपस में बैर कर महात्मा गांधी ,अब्दुल कलाम भूल गए, जाति -जाति हर धर्म ,मजहब के फूल खिले, तभी तो दुनिया महका गुलशन हिंदुस्तान है, सब फूलों को पिरो बनाए जो माला संविधान अंबेडकर भूल गए, अपनी सत्ता की गलियारों में संस्कार गरिमा…