उत्तरायण ” सूर्य संक्रांति “
( Uttarayan Surya Sankranti )
शीत ऋतु से ऋतु फिर बदल रही है आज
हो रहे उत्तरायण सूर्य ” संक्रांति ” के साथ ।।
धनु राशि से मकर राशि में करते आज प्रवेश
उत्तरायण हो नारायण प्रभु सूर्य देव भगवान ।।
रवि की फसल काट रहे हैं देखो हमारे किसान
खुशी अर्जित हो रही है बढ़ रहा हैं धन–धान्य ।।
धरती पर उत्सव हो जैसे वसुंधरा करें गुणगान,
वहे पूर्वी वायु खुल जाएं स्वर्ग के द्वार शास्त्रानुसार ।।
दान धर्म के लिए ” श्रेष्ठ ” कहलाए यह ” संक्रांति ”
पावन पर्व की इस बेला में मनुष्य करें गंगा स्नान।।
पावन परंपरा भारत की संस्कृति का करें गुणगान ,
इष्ट देव से करें प्रार्थना सभी द्वेष दूर हो प्रभु आज ।।
इस पावन अवसर को मनावे सभी हर्ष उल्लास से,
तिल खिचड़ी गजक से प्रभु का भोग लगावे आज ।।
परंपराओं का भी यह एक अनोखा सा यह संगम
कहीं पकवान बन रहे प्यारे, कहीं उड़ रही पतंग धूप में आज ।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश