पावन प्यार साथिया | Pawan Pyar Sathiya
पावन प्यार साथिया
( Pawan pyar sathiya )
अधरों से ही बहती है मधुर रसधार साथिया।
लबों से ही झलकता है पावन प्यार साथिया।
मुस्कुराता चेहरा तेरा लगता है खास साथिया।
तेरे गमों का हो जाता हमको एहसास साथिया।
जुड़े हैं दिलों के तार दिल से हर बार साथिया।
तुमसे ही मिलकर बने सुंदर घर बार साथिया।
प्रीत का चमन महके बहती बयार साथिया।
तड़पता है मनवा आजा एक बार साथिया।
जगमग दिवाली आई छाई बहार साथिया।
आओ सजाएं मिल दीपक कतार साथिया।
हिलमिल मनाएं हम पावन त्यौहार साथिया।
झिलमिल फुलझडियां भाये फुहार साथिया।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )