यह कहानी फिर सही | Phir Sahi
यह कहानी फिर सही
( Yeh kahani phir sahi )
हमने कब किसको पुकारा यह कहानी फिर सही
किसको होगा यह गवारा यह कहानी फिर सही
आबरू जायेगी कितनों की तुम्हें मालूम क्या
किसने किसका हक़ है मारा यह कहानी फिर सही
रिश्तों को मीज़ान पर लाकर के जब रख ही दिया
क्या रहा मेरा तुम्हारा यह कहानी फिर सही
तेज़ था तूफान बरहम भी था हमसे नाख़ुदा
कैसे पाया था किनारा यह कहानी फिर सही
जिसने मेरा हाथ थामा ख़ुश रहे वो ऐ ख़ुदा
कौन है मेरा सहारा यह कहानी फिर सही
अपनी ग़लती का उसे अहसास शायद हो गया
लौट आया वो दुबारा यह कहानी फिर सही
उड़ रहे हैं होश मेरे इन को काबू में करूँ
जो भी देखा है नज़ारा यह कहानी फिर सही
पहले अपने दिल को बहला लूँ मैं साग़र हर तरह
इश्क़ में क्या क्या है वारा यह कहानी फिर सही