फूलों सा मुस्काता चल | Hindi Poetry
फूलों सा मुस्काता चल
( Phoolon sa muskata chal )
फूलों सा मुस्काता चल, राही गीत गाता चल।
मंजिल मिलेगी खुद, कदम बढ़ाना है।
आंधी तूफान आए, बाधाएं मुश्किलें आए।
लक्ष्य साध पथ पर, बढ़ते ही जाना है।
नेह मोती बांट चलो, हंस हंस खूब मिलो।
अपनापन रिश्तो में, हमको फैलाना है।
महक मीठी मीठी सी, वाणी मधुर बोली की।
खुशबू से चमन को, हमें महकाना है।
चेहरे दमकते हो, हंसी से चमकते हो।
हंसमुख रहकर, सबको हंसाना है।
अपनों का साथ मिले, काम हर हाथ मिले।
प्रगति पथ हमको, बढ़ते ही जाना है।
मुस्कान लबों पर आए, सब मिल गीत गाए।
खुशियों की बारिश में, हमको नहाना है।
उर प्रेम भाव जगे, संशय दिलों से भगे।
प्यार भरे दीप हमें, दिलों में जगाना है।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )