बचा लो खुदा | Poem Bacha lo Khuda
बचा लो खुदा
( Bacha lo Khuda )
बचा लो खुदा मेरी दुनिया को आकर,
देखा नहीं तूने लाशों को जाकर।
साया वो मौत का पीछे पड़ा है,
नाटो के साथ देखो वो भी खड़ा है।
तबाही का मंजर बहुत ही बुरा है।
पीछे पड़ा दुश्मन हाथों को धोकर,
देखा नहीं तूने लाशों को जाकर
बचा लो खुदा मेरी दुनिया को आकर।
गम -ए -जुदाई का कितना सहें हम,
बताओ गिला तुमसे कितना करें हम।
काटूं क्यों जीवन जो बोया नहीं मैं,
पाला है शौक वो नफ़रत जिलाकर,
देखा नहीं तूने लाशों को जाकर
बचा लो खुदा मेरी दुनिया को आकर।
हस्ती हमारी तो कुछ भी नहीं है,
कश्ती भंवर में देखो फंसी है।
बारूद पे कब तक सोयेगी दुनिया,
पाएगा क्या आखिर दुनिया जलाकर,
देखा नहीं तूने लाशों को जाकर
बचा लो खुदा मेरी दुनिया को आकर।