
प्रेम का आध्यात्मिक महत्व
( Prem ka adhyatmik mahatva )
प्रेम कृष्ण की लीला है प्रेम राधा का प्यार
प्रेम धुन तान बंसी की प्रेम है जग आधार
प्रेम में बंधी ये दुनिया प्रेम गीता का सार
प्रेम वश दौड़े आते सारे जग के करतार
प्रेम दीवानी मीरा थी कृष्ण भक्ति में नाची
कुदरत प्रेम धरा दर्शाती श्रंगार बहुत राची
द्वारिका नाथ सांवरा करुणासागर भगवान
द्रौपदी की लाज बचाई सखा सुदामा मान
वृंदावन में रास रचाकर प्रेम का किया संचार
ब्रज में होली हुई प्रेम की बरसे मधुर रसधार
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
यह भी पढ़ें :-